मंदिर के बाहरी परिसर से मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही थोड़ा आगे बढ़ने पर बायीं ओर दो प्रशस्त और सुन्दर विश्रामालय बने हुए हैं जिनमें इच्छानुसार सैकड़ों दर्शनार्थी एक साथ विश्राम कर सकते हैं। इन विश्रामालयों का निर्माण भी ब्रह्मलीन लोक संग्रही सन्त श्री महंत महेन्द्रनाथ योगी ने ही कराया था। यह एक बहुत ही जनोपयोगी निर्माण है जहाँ विश्राम कर केवल शरीर और मन की
थकान ही नहीं दूर होती बल्कि अद्भु त शान्ति और आध्यात्मिक शक्ति
भी प्राप्त होती है।
ब्रह्मलीन महंत श्री महेन्द्रनाथ योगी जी के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए वर्तामान महंत श्री मिथिलेश नाथ योगी जी ने इसे विस्तार देते हुए मंदिर के मुंडन स्थल के पास भारी भीड़ देखते हुए वृहद्द विश्रामालय भवन बनवाया, जहाँ श्रधालु विश्राम करते हैं ।