जय जय गोरक्षनाथ
जय जय जय करिबो।
जीवन भर शिव गोरख
शिव गोरख भजिबो ।।१।।
चारि पहर आठो याम
यह काम करिबो।
साधु-सन्त सेवा संग
नाथ नाम जपिबो ।।२।।
जय जय गोरक्षनाथ ! जय जय जय करिबो।
जीवन भर शिव-गोरख शिव-गोरख भजिबो ।।
उनको गुण गाइ ललित
कलित चरित सुनिबो।
उनही के रंग-रंग्यों
चाहत हाँ रहिबो ।।३।।
जय जय गोरक्षनाथ ! जय जय जय करिबो।
जीवन भर शिव-गोरख शिव-गोरख भजिबो।।
विद्या-बल-बुद्धि-हीन
तन-मन हूँ को मलीन।
साधत यम-नेम कठिन
ध्यानासन करिबो ।।४।।
जय जय गोरक्षनाथ ! जय जय जय करिबो।
जीवन भर शिव-गोरक्ष शिव-गोरख भजिबो।।
नाथ तुम महेन्द्र नाथ
के हो तात, मात, भात।
तुम्हरौ जप-जोग साधि
मोहि पार तरिबो ।।५।।
जय जय गोरक्षनाथ ! जय जय जय करिबो।
जीवन भर शिव-गोरख शिव-गोरख भजिबो ।।
ब्रह्मलीन महंत महेन्द्रनाथ कृता
श्री शिवगोरक्षनाथ स्तुति