धार्मिक और आध्यात्मिक जागरण के कार्य में समर्पित श्री माँ पाटेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर समाज की भौतिक सेवा में भी पीछे नहीं है। इस पिछड़े हुए तराई क्षेत्र में गरीबी और अशिक्षा के कारण कुपोषण के शिकार तमाम लोग तरह-तरह की बीमारियों के भी शिकार होते रहते हैं। जो लोग सम्पन्न हैं वे तो घर से दूर जिला केन्द्रों पर या फिर लखनऊ और गोरखपुर आदि बेहतर चिकित्सीय सुविधाओं वाले स्थानों में जाकर स्वास्थ्य लाभ कर लेते हैं, किन्तु गरीब जनता के लिए ऐसा करना धनाभाव के कारण सहज सम्भव नहीं है। इस दृष्टि से क्षेत्रीय लोगों को उनके श्रद्धा केन्द्र श्री माँ पाटेश्वरी शक्तिपीठ के परिसर में ही चिकित्सा एवं उपचार की सुविधा सुलभ कराने के लिए चिकित्सालय बनाने की योजना भी ब्रह्मलीन महंत महेन्द्रनाथ जी महाराज ने परमपूज्य गोरक्षपीठाधीश्वर श्री महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की प्रेरणा से बना ली थी, किन्तु उसे मूर्त रूप देने
का अवसर उन्हें अचानक ब्रह्मलीन हो जाने के कारण नहीं मिला, किन्तु जैसा कि कहा जाता है कि महापुरुषों के संकल्प में अचन्त्य शक्ति होती है इसलिए उन्हीं की सत्प्रेरणा से उनके स्वप्न को साकार करने का निश्चय उनके उत्तराधिकारी श्री महंत मिथिलेश नाथ योगी जी ने किया, जिसके परिणाम स्वरूप इधर कुछ ही महीनों में परमपूज्य श्री महंत अवैद्यनाथ जी महाराज के कर कमलों से श्री महंत महेन्द्रनाथ योगी स्मारक श्री माँ पाटेश्वरी शक्तिपीठ सेवाश्रम चिकित्सालय का शिलान्यास सम्पन्न होकर इसका भवन निर्माण पूर्ण हो गया है। महिलाओं, बच्चों एवं पुरुष रोगियों के लिए 60 शैय्याओं का यह चिकित्सालय आधुनिक चिकित्सीय उपकरणों से सुसज्जित आदर्श अस्पताल है, जहाँ यथासम्भव सस्ते दर पर रोगों का निदान, जाँच तथा उपचार सुलभ है। शनैः शनैः इस चिकित्सालय को उच्चीकृत कर जनता जनार्दन की अधिकाधिक सेवा करने की योजना है। यह एक ऐसा चिकित्सालय होगा जहाँ लोगों को दुआ और दवा दोनों सुलभ होगी और उनको किसी खास उपचार के लिए ही बाहर जाने की जरूरत न होगी।