पाटेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर के बाहरी प्रांगण में सूर्यकुण्ड के आगे उत्तर की ओर मंदिर की एक प्रशस्त गौशाला है जिसमें शताधिक संख्या में गोवंश सुविधायुक्त स्वच्छ वातावरण में निवास करते हैं। यहाँ देशी नस्ल की गायों को ही रखा जाता है और भारत में मिलने वाली कई नस्लों की गायों का पालन और संवर्धन यहां हो रहा है। योजना है कि यहाँ भारत में उपलब्ध सभी नस्लों की गायों का संग्रह और संवर्धन हो।
यह गौशाला वैसे तो काफी प्राचीन है किन्तु विगत कुछ वर्षों से इसकी देखभाल और व्यवस्था में काफी परिवर्तन और विस्तार हुआ है जिसके कारण इसमें संख्यात्मक वृद्धि के साथ ही गुणात्मक वृद्धि भी हुई है। वर्तमान महंत श्री मिथिलेश नाथ योगी जी की योजना है कि इसे एक विशाल और आदर्श गौशाला के रूप में विकसित किया जाये तथा यहां गोपालन के साथ-साथ गो-संवर्धन, संरक्षण तथा गाय के गोबर तथा मूत्र से औषधियों के निर्माण का काम भी प्रारम्भ हो।