मंदिर के सामने सीढ़ियों के नीचे दक्षिण तरफ थोड़ी दूर पर एक नाथ योगी चन्द्रशेखर नाथ की जीवित समाधि पर चन्द्रशेखर महादेव जी का प्राचीन मंदिर भी लोगों की श्रद्धा और आकर्षण का बड़ा केन्द्र है। यहाँ विश्वासपूर्वक दर्शन पूजन करने वालों की मनोकामना शीघ्र पूरी होती है ऐसी मान्यता है।
जीवित समाधि लेने वाले योगी के बारे में पूरी जानकारी तो नहीं उपलब्ध होती किन्तु नाथ साहित्य साधना और इतिहास के महान ज्ञाता और विद्वान योगी नरहरि नाथ जी ने पूछने पर एक बार इतना जरूर बताया था कि कई चमत्कारिक सिद्धियों वाले उक्त नाथ योगी का शरीर जब साधना में साथ देने लायक नहीं रह गयी तो उसने स्वेच्छा से समाधिस्थ होकर अपने प्राणों का उत्क्रमण कर दिया था और उसी की इच्छा के अनुसार आदिनाथ चन्द्रशेखर महादेव शिव का मंदिर उसी की समाधि के ऊपर श्रद्धालुओं ने बना दिया था।